देवास। म.प्र. आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका महासंघ ने समस्याओं को लेकर महिला एवं बाल विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मांग की गई कि माननीय उच्च न्यायालय खंड जबलपुर म.प्र., भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश के संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा के द्वारा जारी आदेशों एवं पत्रों में स्पष्ट आदेश है कि आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यो केे अतिरिक्त एंव किसी भी विभाग के कार्य नहीं करवाया जाए एवं न ही अन्य विभाग के कार्यो में महिला एवं खाद्य विभाग से समस्त जिले की कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की बीपीएल राशनकार्ड के सत्यापन हेतु ड्यूटी लगाई गई है जो गलत है और खाद्य विभाग द्वारा आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं पर अनुचित तरीकेे से कार्य करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है जो विभाग एवं माननीय न्यायालय के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस हेतु संस्था लामबद्ध हैै और बड़े आंदोलन करने हेतु बाध्य है जिस हेतु न्याय पाने की चेष्टा है अन्यथा अन्याय के विरूद्ध अपना अधिकार प्राप्त करने हेतु एक मात्र मार्ग आंदोलन ही रहेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी समस्त अधिकारियों की रहेगी । यहां तक कि मध्यप्रदेेश शासन महिला एवं विकास सेवा की मंत्री इमरती देेवी द्वारा भी इस संबंध में स्पष्ट रूप से लिखित एवं सार्वजनिकय रूप से इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से मध्यप्रदेेश के समस्त कलेक्टर एवं संबंधित विभागों के प्रमुखों को आदेशित कर दियाा गया है कि आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ंएवं सहायिकाओं से अन्य विभ्ज्ञाग का कार्य नहीं करवाया जाए और न ही उन्हें अन्य विभागों के कार्यो में कही ड्यूटी लगाई जावं किंतु फिर भी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की निजता का हनन करते हुए उनके मौलिक अधिकारों एवं शारीरिक तथा आर्थिक अधिकारों पर आघात किया जा रहा है। माननीय उच्च न्यायालय एवं भारत सरकार एवं अन्य सरकार के आदेश है कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष विचारधीन रिट पिटीसन क्र. 26063/2019 मतें दिनांक 4.12.2019 को स्थगन आदेश जारी किया गया है ।
आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की खाद्य विभाग में लगाई ड्यूटी निरस्त करें